टेनिस मे खेलने का विवाद

मनीष कुमार जोशी

लेखक युवा खेल समीक्षक है।

पता: सीताराम गेट के सामने, बीकानेर

दुनिया भर मे कोविड  के खतरे को देखते हुए खेल गतिविधियां लगभग बंद है. थोड़ा डरते डरते कुछ खेल शुरू हुए है. अभी शुरू हुए खेल आम लोगो के बीच लोकप्रिय है. क्रिकेट और फुटबाल की तरह टेनिस भी दुनिया के लोकप्रिय खेलो मे से एक है. यह खेल भी दूसरे खेलो की तरह शुरू हुआ है. टेनिस मे दो प्रमुख ग्राण्ड स्लेम  कोरोना की भेंट चढ़ गये है. अब यू.एस. ओपन के साथ टेनिस मे बड़े टुर्नामेंट का आगाज हो रहा है परन्तु इसके साथ ही टेनिस मे यह बहस छिड़ गयी है कि यू एस ओपन का आयोजन होना चाहिए या नहीं. सबसे बड़ी बात यह है कि यह बहस खिलाड़ियो के बीच है. क ई बड़े खिलाड़ियो ने इसमे खेलने मे असमर्थता जाहिर की है. पूरा टेनिस जगत इसके आयोजन को लेकर दो फाड़ हो गया, लगता है

हर एक लोकप्रिय खेल के प्रशंसक चाहते है कि उनका पसंदीदा खेल जल्दी से जल्दी शुरू हो. ऐसे मे टेनिस प्रेमी भी चाहते है कि टेनिस जल्द ही कोर्ट पर आये. वैसे तो छोटे टुर्नामेंट खेले जाने की शुरूआत हो चुकी है परन्तु ग्राण्ड स्लेम को लेकर विवाद खड़ा किया जा रहा है. दुनिया की नंबर एक महिला खिलाड़ी  एश बार्टी यू.एस. ओपन खेलने से मना कर चुकी है.  डबल्यू टी ए मे यह लिस्ट लंबी होती ही जा रही है.  सिमओन हैलप, सेरेना विलियम्स, बियंका,  नूओमी ओसाका और  कोरोला ने भी यू एस ओपन खेलने मे असमर्थता जाहिर की है. इस प्रकार सितारा खिलाड़ी खेलने से मना करेगी तो बिना दर्शको के ग्राण्ड स्लेम कराना बेमानी होगी. पुरूष वर्ग मे भी जोकोविच, फेडरर और एंडी मरे ने भी साल की अंतिम ग्राण्ड स्लेम मे खेलने से बचने की सलाह दी है. क ई पूर्व टेनिस खिलाड़ियों ने भी कोविड से बचाव के लिए यू एस ओपन मे भाग लेने से बचने की सलाह दी है. इन सब के बीच टेनिस की दुनिया मे एक तबका ऐसा भी है जो चाहता है कि ग्राण्ड स्लेम का आयोजन हो. दुनिया के बाहर वे नंबर के खिलाड़ी फेलिसियानो लोपेज ने कहा है कि यू एस ओपन जरूर खेला जाना चाहिए उसने रफाल नकार और फेडरर के उस दावे को को नकार दिया है जिसमे उन्होने कहा है कि यू एस ओपन मे खेलना सुरक्षित नही है. उसने कहा कि यु एस ओपन की लोकप्रियता सिर्फ टाप के खिलाड़ियो पर निर्भर नही है.  इसी तरह एलक्जेंडर ज्वरेरे ने भी कहा है कि वो स्वास्थ्य वजहों से डरते नही है और यू एस ओपन मे भाग लेगे. उन्होने उन खिलाड़ियो की भी आलोचना की है जो टुर्नामेंट के दौरान क्वांरटाईन नियमो का पालन नही करते है.  जहां दुनिया भर मे खिलाड़ी अपने खेलो को चालू करने को लेकर उत्सुक है वही टेनिस मे टुर्नामेंट को खेलने को लेकर घमासान मचा है. इसको लेकर टेनिस की दुनिया दो खेमो मे बंट गयी है.

 आखिर क्या कारण है कि टेनिस खिलाड़ी कोर्ट मे जाने से बच रहे है जबकि टेनिस ऐसा खेल है जिसमे संक्रमित होने की संभावना कम है. यदि कोर्ट मे खेल रहे दोनो खिलाड़ी नेगेटिव है तो संक्रमण की संभावना कम होती है जबकि दूसरे खेलो मे न केवल खिलाड़ियो की संख्या ज्यादा होती है बल्कि खिलाड़ी एक दूसरे को छुते भी है. टेनिस मे खिलाड़ी एक दूसरे को छुते नही है. फिर भी खिलाड़ी खेलने से इतना क्यो घबरा रहे है. दर असल एक माह पूर्व दुनिया के नंबर वन खिलाड़ी जोकोविच और क ई दूसरे खिलाड़ी संक्रमित हो चुके है. इस कारण टेनिस खिलाड़ियो मे संक्रमण होने का आशंका है और इसी कारण से वे कोर्ट मे जाने से बच रहे है. एटीपी और डबल्यूटीए टुर्नामेट नही कराने के कारण आर्थिक नुकसान मे है और वो चाहते है कि टुर्नामेट शुरू हो. बाहरवे नंबर के खिलाड़ी लोपेज ने भी इस बात का समर्थन किया है कि एटी पी को आर्थिक तंगी दूर करने के लिए टुर्नामेट करवाने चाहिए. इस कारण एटीपी और डबल्यू टी ए टुर्नामेट करवाने पर जोर दे रहा है.

कोविड को लेकर टाॅप खिलाड़ियो की चिंता भी सही है. इस चिंता को इसलिए भी गंभीरता से लेना चाहिए कि खिलाड़ी संक्रमित हो चुके है परन्तु यदि वैक्सीन का इंतजार करते रहे तो बहुत देर हो जायेगी. इसलिए अन्य खेलो की तरह टुर्नामेट तो आयोजित किया जाना चाहिए. खिलाड़ियो को संक्रमण से बचाव के उपाय किये जा सकते है. क्रिकेट की तरह नियमो मे भी बदलाव किया जा सकता है.  आयोजको ने इसके लिए सभी जरूरी उपाय किये है. मैच बिना दर्शको के खेले जायेगे. हाथ नही मिलाया जायेगा. फिर भी यदि कोई खिलाड़ी खेलना नही चाहे तो जबरदस्ती नही खेलाया जा सकता है. इसमे विवाद नही किया जाना चाहिए. ग्राण्ड स्लेम सितारा खिलाड़ियो के बिना ही आयोजित होगी और  कोई नया सितारा निकलकर आयेगा.

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